मोदी सरकार ने श्रमिकों के लिए वेरिएबल डियरनेस अलाउंस (VDA) में संशोधन करते हुए न्यूनतम मजदूरी 783 रु/- से 1,035 रु/- प्रतिदिन करने की घोषणा की है।
इस वेतन वृद्धि से भवन निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि समेत विभिन्न केंद्रीय सरकार के प्रतिष्ठानों में काम करने वाले श्रमिकों को लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि अप्रैल 2024 के बाद सरकार द्वारा किया गया यह दूसरा संशोधन है।
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घरेलू राजनीति के लिहाज से यह बीजेपी का लोकलुभावन फैसला है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी है। इस फैसले से देश के मजदूरों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है- अब मजदूरों को हर महीने 20,358 से 26,910 रुपये तक मिलेंगे।
न्यूनतम मजदूरी दरों को श्रमिकों के कौशल स्तर के साथ-साथ उनके भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर बांटा गया है।
नई न्यूनतम मजदूरी दर:
- अनस्किल्ड श्रमिक: सेक्टर ए में न्यूनतम मजदूरी 783 रुपये प्रतिदिन, यानी हर महीने 20,358 रुपये।
- अर्धकुशल श्रमिक: न्यूनतम मजदूरी 868 रुपये प्रतिदिन, जो हर महीने 22,568 रुपये होगी।
- कुशल श्रमिक: जैसे लिपिक, उनकी न्यूनतम मजदूरी 954 रुपये प्रतिदिन, हर महीने 24,804 रुपये।
- अत्यधिक कुशल श्रमिक: 1,035 रुपये प्रतिदिन, यानी 26,910 रुपये प्रति माह।
श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दरों को लागू होने की तिथि:
यह नई न्यूनतम मजदूरी दर 1 अक्टूबर से लागू होगी और श्रमिकों को लाभ पहुंचाने के लिए इसकी गणना अप्रैल 2024 से तय की गई है।, जिसमें बकाया राशि का भुगतान भी इसी महीने से किया जाएगा। यह संशोधन महंगाई के मद्देनज़र किया गया है, जिससे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार की अपेक्षा की जा रही है